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अन्य धर्मों में स्त्रियों का स्थान और सम्मान (Women's Rights in Different Religions)

आज जो लोग ये कहते हैं कि सनातन या हिन्दू धर्म में स्त्रियों का सम्मान नहीं है, वे कृपया एक बार इस पोस्ट पर एक नजर डाल लें. तथ्यों के साथ हैं. ध्यान दीजिये कि कैसे लोग हम हिन्दुओं को सभ्य बनाने के लिए आये थे. कृपया पुरुष इस पोस्ट को पढ़कर ध्यान दें कि यदि आपकी सोच स्त्रियों के लिए अच्छी नहीं है, तो आप किस कैटेगरी में आते हैं. पढ़कर यदि मूड ख़राब हो जाए तो सबसे नीचे एक लिंक दी है, उस पर भी नजर डाल लें. शांति मिलेगी...

🥸 बाइबिल में स्त्रियां (Women in Christianity)

👉जो स्त्री गभिर्णी हो और उसके लड़का हो, तो वह 7 दिन तक अशुद्ध रहेगी (लैव्यव्यवस्था -12 : 2). जो स्त्री गभिर्णी हो और उसके लड़की हो, तो वह 14 दिन तक अशुद्ध रहेगी. (लैव्यव्यवस्था -12 : 5)

👉"जब कोई स्त्री ऋतुमती हो, तो वह सात दिनों तक अशुद्ध मानी जाये .और जो कोई भी उसे छुए वह भी अशुद्ध माना जाये" (लैव्यव्यवस्था -15 :19).

👉यदि किसी पुरूष को कोई कुंवारी लड़की मिले और वह उसे पकड़कर उसके साथ कुकर्म करे, और वे पकड़े जाएं, तो पुरुष पीड़ित लड़की के पिता को 50 शेकेल दे और उससे विवाह कर ले. (व्यवस्थाविवरण-22:28-29)

👉यदि किसी कुंवारी कन्या के विवाह की बात लगी हो, और कोई दूसरा पुरूष उसे नगर में पाकर उससे कुकर्म करे, तो तुम उन दोनों को उस नगर के फाटक के बाहर ले जाकर उनको पत्थरवाह करके मार डालना (व्यवस्थाविवरण- 22:23-24)

👉यदि दो पुरूष आपस में मारपीट करते हों, और उनमें से एक की पत्नी अपने पति को छुड़ाने के चक्कर में अगर गलती से उसका हाथ पराये पुरुष के गुप्तांग को छू जाये तो उस स्त्री का हाथ काट डालना (व्यवस्थाविवरण - 25:11-12).

👉स्त्रियां सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बातें करने की आज्ञा नहीं
है, परन्तु आधीन रहने की आज्ञा है और यदि वे कुछ सीखना चाहें, तो घर में अपने अपने पति से पूछें, क्योंकि स्त्री का सभा में बातें करना लज्ज़ा की बात है। (1 कुरिन्थियों -14:34-35)

👉स्त्री को चुपचाप पूरी आधीनता में सीखना चाहिए और मैं (परमेश्वर) कहता हूं कि स्त्री न उपदेश करे और न पुरूष पर आज्ञा चलाए, परन्तु चुपचाप रहे। (1 तीमुथियुस - अध्याय 2:11-12)

👉यहोवा ने यह सिय्योन की स्त्रियां घमण्ड करतीं और सिर ऊंचे किये आंखें मटकातीं और घुंघुरूओं को छमछमाती हुई ठुमुक-ठुमुक चलती हैं, इसलिये प्रभु यहोवा उनके सिर को गंजा करेगा, और उनके तन को उघरवाएगा (नंगा करेगा). (यशायाह 3:16-17)

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🥸 इस्लाम में स्त्रियां  (Women in Islam)

👉"औरतें तुम्हारे लिए खेती के समान हैं, तो खेती में जैसे चाहो हल चलाओ." (कुरान -2 :223)

अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने कहा- "यदि कोई औरत पति के बुलावे पर तुरंत सम्भोग के लिए तैयार नही होती, तो जन्नत
के फ़रिश्ते उस पर तब तक धिक्कारते रहते हैं, जब तक वह सम्भोग नही करवा लेती." (सहीह मुस्लिम -किताब 8हदीस 3367)

👉यदि तुम्हारी औरतें बात नहीं माने, तो उनको मारो और पीटो, ताकि वह तुम्हारी बातें मानने लगें." (कुरान- 4:34)

👉"पुरुष का हिस्सा दो स्त्रियों के हिस्से के बराबर है."
(कुरान 4:21)

👉यदि कोई अपनी पत्नी को तलाक दे दे, तो उस स्त्री के लिए जायज नही होगा जब तक वह किसी दूसरे पति से शादी न कर ले और वह पति भी तलाक दे दे, तब इन दोनों के लिए एक-दूसरे की तरफ पलटने में कोई दोष नही होगा" (कुरान- 2:230)

👉तुम्हारी लिए ऐसी स्त्रियां हराम हैं, जो किसी के निकाह में हों, सिवाय उनके जो पकड़कर तुम्हारे कब्जे में आ गयी हों" (कुरान - 4:24)

👉"रसूल इतने सदाचारी थे कि पराई स्त्रियों पर हाथ भी नहीं लगाते थे, लेकिन पकड़ी गयी औरतों के साथ सम्भोग किया करते थे" (सहीह बुखारी -जिल्द 9 किताब 89 हदीस 321)

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🥸 बौद्ध धर्म में स्त्रियां (Women in Buddhism)

👉स्त्रियां धूर्त, झूठी, काला सांप, निर्लज्ज, कारस्थानी, अप्रामाणिक, गुप्त व्यवहार करने वाली
हैं।"
(जातककथा ६२)

👉स्त्रियां उठते, बैठते, लेटते, हंसते, बोलते, गाते व रोते समय पुरुष के को मनोग्रस्त कर दे
ती हैं। यदि मरा हुआ भी हो तो भी स्त्रियां पुरुष को मनोग्रस्त कर देती हैं। स्त्री मार का बंधन है यानी बुरी शक्ति है। जिसके हाथ में तलवार हो, पिशाच हो, विष देने वाला हो, विष का दंश देने वाला नाग ही क्यों न हो, उससे बात कर लो, पर स्त्री से कभी मत बोलो।
(अंगुत्तरनिकाय पांचवानिपात,निवारणवग्गो मातापुत्तसुत्त: ५५/५)

👉स्त्रियां पुरुष का मन विचलित करती हैं। स्त्री की गंध, आवाज, स्पर्श विचलित करती है। स्त्री मोह में डालती है।
(अंगुत्तरनिकाय एककनिपात रुपादिवर्ग १)

👉भले ही भिक्षुणी सौ साल की ही क्यों न हो,अपने से छोटे उम्र के भिक्षु को नमस्कार करेगी। उसके आते ही उठ जायेगी। किसी भी स्थिति में स्त्री भिक्षु का अनादर न करे, न उसको अपशब्द कहे। भिक्षु को कोई भिक्षुणी कभी भी उपदेश न करे। भिक्षु ही भिक्षुणी को उपदेश दे सकता है।
(अंगुत्तरनिकाय, आठवां निपात,गोतमीवग्गो,गोतमीसुत्त)

👉स्त्री बुद्ध नहीं बन सकती। केवल तभी बन सकती
है जब पुरुष का जन्म ले ले। स्त्री चक्रवर्ती सम्राट भी नहीं बन सकती। केवल पुरुष ही राजा बन सकता है। केवल पुरुष ही शक्र, मार, ब्रह्मा बन सकता है।
(अंगुत्तरनिकाय, एककनिपात,असंभव वग्गो,द्वितीय वर्ग, १/१५/१)

👉"भिक्षुओं! काले सांप में पांच दुर्गुण हैं। अस्वच्छता, दुर्गंध, बहुत सोने वाला, भयकारक और मित्रद्रोही (विश्वासघाती)। ये सारे दुर्गुण स्त्रियों में भी हैं। वे अस्वच्छ, दुर्गंधयुत, बहुत सोने वाली, भय देने वाली और विश्वासघाती
हैं।"
(अंगु.पांचवा निपात,दीघचारिका वग्गो,पठण्हसुत्त ५/२३/९)

👉
मैंने अधिकतर स्त्रियों को नरक में देखा है। उसके तीन कारण हैं जिससे स्त्रियां नरकगामी बनती हैं-
-वो पूर्वाह्न काल में, सुबह, कृपण और मलिन चित्त की होती
हैं
-दोपहर में मत्सर युक्त होती हैं।
-रात को लोभ और काम युक्त चित्त की होती
हैं
(संयुक्त निकाय, मातुगामसंयुत्त, पेयाल्लवग्गो, तीहिधम्मोसुत्त ३५/१/४)

👉स्त्रियां अधिकतर पापकर्म करके नरक में जाती हैं। उनके दुर्गुण क्या 
हैं, उस पर इस सुत्त में आगे लिखा है-

३६.१.५- स्त्रियों
में श्रद्धा व लज्जा नहीं होती, उन्हें पश्चाताप नहीं होता, वे नफरत से भरी होती हैं व उनमें बुद्धि की कमी होती है।

३५.१.९- स्त्रियां स्वार्थी होती हैं।

३६.१.१०- स्त्रियां व्यभिचार करती हैं।


पढ़ें - Woman in Hinduism (सनातन धर्म में स्त्रियों का स्थान)

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